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फल परिरक्षण। Fruit Technology ।Fruit Processing

 फल परिरक्षण। Fruit Technology।Fruit Processing  इस विभाग के अन्तर्गत फल एवं सब्जियों को खराब न होने देने तथा उनसे विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ तैयार करने की क्रियाओं एवं विधियों का अध्ययन किया जाता है । इस विषय को फल प्रौद्योगिकी (Fruit Technology ) तथा फल संसाधन (Fruit Processing ) भी कहते हैं । फल एवं सब्जियों का परिरक्षण एक निश्चित वातावरण में विशिष्ट तकनीकी क्रियाओं द्वारा किया जाता है । इसके लिए कृत्रिम रूप से स्थल का निर्माण किया जाता है जिसे फल परिरक्षण केन्द्र (Fruit Preservation Centre ), फल उद्योगशाला (Fruit Prccessing Industry ), कैनिंग फैक्टरी (Canning Factory ) संसाधन इकाई ( Processing Unit) कहा जाता है। ऐसे स्थानों द्वारा निर्मित पदार्थों को परिरक्षित पदार्थ (Preserved Products ) या संसाधित पदार्थ (Processed Products ) कहते हैं । फल एवं सब्जियाँ क्यों खराब होती हैं ? कौन से कारण उत्तरदायी हैं ? उनसे बचाव के कौन से उपाय अपनाए जाने चाहिए ? उपरोक्त समस्याओं एवं उनके निराकरण का अध्ययन इसी विभाग के अन्तर्गत किया जाता है। फल एवं सब्जियों से निर्मित किए जाने वाले परि...

सब्जी विज्ञान।Vegetable Production । Vegetable Culture

 सब्जी विज्ञान । Vegetable  Production ।  Vegetable Culture  इस विभाग के अन्तर्गत साग-सब्जी उगाने से सम्बन्धित समस्त कृषि क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है । इसे सब्जी उत्पादन या सब्जी उंगाना (Vegetable Production or Vegetable Culture ) भी कहते हैं। ऐसे स्थानों पर जहाँ कि सब्जियाँ उगाई जाती हैं, सब्जी प्रक्षेत्र (Vegetable Farm) या कछवारा कहा जाता है। सब्जियाँ आर्थिक दृष्टिकोण को लेकर उगाई जाती हैं, अतः उनके गुणात्मक और भरपूर उत्पादन प्राप्त करने की तकनीक एवं आवश्यकताओं का अध्ययन इसी विभाग के अन्तर्गत किया जाता है । भूमि एवं जलवायु के अनुसार उन्नतिशील किस्मों का चुनाव, पौध तैयार करना, रोपण या बोना, उचित समय और मात्रा में खाद, उर्वरक और सिंचाई देना, उचित फसल चक्र (Crop Rotation) अपनाना तथा अन्य कृषि क्रियाएँ ही इस विभाग के विषय हैं । सब्जी उत्पादन में रोग तथा कीट के आक्रमण तथा उत्पादित सब्जियों के विक्रय की समस्या रहती है, इनका हल भी इसी विभाग के अध्ययन से प्राप्त होता है। स्वयं के उपयोग के लिए गृह उद्यानों (Kitchen Gardening ) में सब्जियाँ उगाने की कला एवं तकनीक भी सब्...

पुष्प विज्ञान।Oranamental Horticulture । Landscape Gardening

पुष्प विज्ञान।Oranamental  Horticulture । Landscape  Gardening इस विभाग के अन्तर्गत शोभायमान पौधे तथा वृक्षों के उंगाने में आवश्यक कृषि क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। इसे मनाया औधानिकी या अलंकृत औद्यानिकी या अलंकृत बागवानी (Oranamental Horticulture ) एवं दृश्य-भू बागवानी ( Landscape Gardening) आदि नामों से जाना जाता है । ऐसे स्थानों पर जहाँ कि भूमि को सुन्दर पौधों तथा वृक्षों को उगाकर अलंकृत या सजाया जाता है, शोभा उद्यान या अलंकृत उद्यान (Ornamental Garden), पुष्पोद्यान (Flower Garden), पार्क (Park), वाटिका या कुँज (Garden) कहा जाता है। प्रकृति के मनोरम दृश्यों का अनुकरण करना ही इस विभाग का प्रमुख लक्ष्य है। अतः सुन्दरता प्रदान करने की दृष्टि से पुष्पीय पौधों, झाड़ियों, लताओं तथा वृक्षों का अध्ययन किया जाता है । ऐसी तकनीक जो इनके विकास में आवश्यक है, जैसे पौध रोपण, पौध प्रवर्धन, कटाई-छटाई एवं सधाई, उचित पौधों का चुनाव आदि इसी विभाग के विषय हैं । स्वस्थ मनोरंजन उपलब्ध हो इस दृष्टिकोण से किसी भी स्थान को योजनाबद्ध तरीके से सजाने या सँवारने के लिए योजना और विन्यास अनिवार्य...

फल विज्ञान

  फल विज्ञान  इस विभाग के अन्तर्गत का अध्ययन किया जाता है । इस विभाग को फल (Fruit Culture) या फलोत्पादन (Fruit Production योजना के अनुसार विशेष उद्देश्य से लगाए जाते हैं, है । फल की खेती करने वाले को फलोत्पादक (Fruit Grower) कहते हैं । उपयोगी फलों के गुण तथा उपयोगिता और फल वृक्षों के वृद्धि, फूलने तथा फलने की प्रकृति या स्वभाव का अध्ययन इस विभाग के अन्तर्गत किया जाता है । फल वृक्षों से भरपूर उत्पादन प्राप्त करने हेतु आवश्यक तकनीक जैसे, उचित जलवायु तथा भूमि का चुनाव, उन्नतिशील किस्मों का चुनाव, प्रवर्धन (Propagation ) की विधियाँ, वृक्षारोपण, सिंचाई, खाद एवं उर्वरक की मात्रा एवं देने का समय, कटाई-छटाई एवं सधाई के सामान्य नियम का ज्ञान इसी विभाग से प्राप्त होता है। उपरोक्त तकनीक को एक निश्चित योजना के अनुसार अपनाना चाहिए, अतः फलोद्यान का विन्यास (Layout) स्थापना एवं प्रबन्ध भी इस विभाग के विषय हैं। फलोत्पादन में समय-समय पर आने वाली समस्याओं जैसे, रोग और कीट का आक्रमण, प्रि कूल वायुमण्डलीय वातावरण आदि तथा उनका निराकरण भी फल विज्ञान (Pomology) का विषय है । इस विषय के विशे षज्ञ को फ...

Future in agriculture.

Future in agriculture.  “ That also is a trend that we see in our research — people who are transitioning from the farm to industry,” Sackman says. “There is a decrease in the amount of employment that agriculture produces. As employment declines, some of that can be transferred into industry, such as agriculture education and training.  agricultural education  Agriculture could also provide more high-tech industry-driven growth, especially as more industries in the central central part of Wisconsin depend more on the success of agricultural producers.” One way to address the loss of farm jobs, Sackman suggests, would be to increase agricultural education in high school and possibly in middle school.  agricultural employment  However, Wisconsin leaders also would need to incorporate basic agriculture science into the public school curriculum. Solving the Future of Agriculture In addition to boosting interest in agricultural education, policies to boost future ag...

एक खुशहाल भारत के लिए मजबूत किसान।A strong farmer for a prosperous India

  एक खुशहाल भारत के लिए मजबूत किसान।A strong farmer for a prosperous India भारतीय कृषि परंपरागत रूप से मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारत के किसान आत्म निर्भर हो के खेती किसानी करते हैं यह भारतीय किसान की एक बहुत बड़ी विशेषता है जो हमें मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने के लिए दृढ़ संकल्प प्रतीत होता है। एक खुशहाल भारत की कल्पना हमें किसानों की उन्नति से ही संभव हो पाएगी क्योंकि भारतीय जनसंख्या के 70% लोग खेती किसानी द्वारा अपनी आजीविका का निर्वाह करते हैं । विकासशील भारत की तरक्की को सुचारू रूप से अग्रसर होने के लिए खेती किसानी को हमें पूरी तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुरूप संचालित करना होगा। 21वीं सदी के भारतीय किसान एक खुशहाल भारत के लिए मजबूत किसान बन चुके हैं। एक सफल किसान खेती किसानी में कैसे सफल हो सकता है click here एक खुशहाल भारत के लिए किसानों का नीति निर्धारण किसानों की नीति निर्धारण अच्छी तरह से कर के ही एक खुशहाल भारत की कल्पना की जा सकती है। देश में किसी भी क्षेत्र में कार्य भारतीय नीति निर्धारण के अनुरूप ही सफल हो पाती है भारतीय नीति निर्धारण ...

सफल किसान खेती से कैसे पैसा कमाता है।How a successful farmer earns money from farming.

 सफल किसान खेती से कैसे पैसा कमाता है।How a successful farmer earns money from farming. सीमांत किसान लघु किसान और बड़े किसान खेती किसान करके ही अपना धन अर्जन करता है किंतु कुछ ही किसान सफलता की ओर अग्रसर रहते हैं ऐसा क्यों है कि हर किसान सफल नहीं हो सकता है। किसी भी कार्य को सिद्ध करने हेतु कुछ विशेष विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है यह खेती किसानी में भी लागू होता है खेती किसानी करने के दौरान हमें क्षेत्र की जलवायु, क्षेत्र के जल की उपलब्धता, भूमि की मिट्टी के गुण ,क्षेत्रीय बाजार से संबंधित सही आकलन और खेत को पशु धन से सुरक्षा करने के उपाय आदि कुछ विशेष सावधानी रखनी होती है। खेती की भूमि की उपजाऊ क्षमता क्षमता का सही आकलन खेत के फसल का सही चुनाव समय के अनुसार फसल लेना इस तरह के अनगिनत उपाय एक किसान को करना होता है जो भी किसान उपरोक्त उपाय को अपनाकर खेती किसानी करता है सफलता के झंडे गाड़ सकता है