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Future in agriculture.


Future in agriculture.


 “That also is a trend that we see in our research — people who are transitioning from the farm to industry,” Sackman says. “There is a decrease in the amount of employment that agriculture produces. As employment declines, some of that can be transferred into industry, such as agriculture education and training. 




agricultural education 

Agriculture could also provide more high-tech industry-driven growth, especially as more industries in the central central part of Wisconsin depend more on the success of agricultural producers.” One way to address the loss of farm jobs, Sackman suggests, would be to increase agricultural education in high school and possibly in middle school. 



agricultural employment 

However, Wisconsin leaders also would need to incorporate basic agriculture science into the public school curriculum. Solving the Future of Agriculture In addition to boosting interest in agricultural education, policies to boost future agricultural employment and to enhance farmland preservation and land conservation would help the state meet its farming future, says Shepherd. 

Much of the state’s farmland is owned by farmers who are retiring or not thinking much about future farm policies. Those agricultural landowners would appreciate land preservation policies that protect their agricultural land from potentially decreasing agricultural production. 

This would reduce the competition for limited farmland that would also help ensure the long-term viability of agriculture. In addition, if land preservation policies are truly affordable for landowners, then farmers would be willing to invest in farm improvements. Improvements to farmlands such as agricultural production systems could help farms become more profitable and sustainably funded by the agriculture economy.

 “Wisconsin could benefit from policies to reduce the negative effects of commodity price volatility and a new agricultural economy shift by investing in agriculture and preserving agricultural lands,” Shepherd says. “As agriculture moves from

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खेती किसानी में बड़े किसान पैसा कैसे कमाते हैं

एक खुशहाल भारत के लिए मजबूत किसान।A strong farmer for a prosperous India

  एक खुशहाल भारत के लिए मजबूत किसान।A strong farmer for a prosperous India भारतीय कृषि परंपरागत रूप से मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारत के किसान आत्म निर्भर हो के खेती किसानी करते हैं यह भारतीय किसान की एक बहुत बड़ी विशेषता है जो हमें मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने के लिए दृढ़ संकल्प प्रतीत होता है। एक खुशहाल भारत की कल्पना हमें किसानों की उन्नति से ही संभव हो पाएगी क्योंकि भारतीय जनसंख्या के 70% लोग खेती किसानी द्वारा अपनी आजीविका का निर्वाह करते हैं । विकासशील भारत की तरक्की को सुचारू रूप से अग्रसर होने के लिए खेती किसानी को हमें पूरी तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुरूप संचालित करना होगा। 21वीं सदी के भारतीय किसान एक खुशहाल भारत के लिए मजबूत किसान बन चुके हैं। एक सफल किसान खेती किसानी में कैसे सफल हो सकता है click here एक खुशहाल भारत के लिए किसानों का नीति निर्धारण किसानों की नीति निर्धारण अच्छी तरह से कर के ही एक खुशहाल भारत की कल्पना की जा सकती है। देश में किसी भी क्षेत्र में कार्य भारतीय नीति निर्धारण के अनुरूप ही सफल हो पाती है भारतीय नीति निर्धारण ...

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 सफल किसान खेती से कैसे पैसा कमाता है।How a successful farmer earns money from farming. सीमांत किसान लघु किसान और बड़े किसान खेती किसान करके ही अपना धन अर्जन करता है किंतु कुछ ही किसान सफलता की ओर अग्रसर रहते हैं ऐसा क्यों है कि हर किसान सफल नहीं हो सकता है। किसी भी कार्य को सिद्ध करने हेतु कुछ विशेष विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है यह खेती किसानी में भी लागू होता है खेती किसानी करने के दौरान हमें क्षेत्र की जलवायु, क्षेत्र के जल की उपलब्धता, भूमि की मिट्टी के गुण ,क्षेत्रीय बाजार से संबंधित सही आकलन और खेत को पशु धन से सुरक्षा करने के उपाय आदि कुछ विशेष सावधानी रखनी होती है। खेती की भूमि की उपजाऊ क्षमता क्षमता का सही आकलन खेत के फसल का सही चुनाव समय के अनुसार फसल लेना इस तरह के अनगिनत उपाय एक किसान को करना होता है जो भी किसान उपरोक्त उपाय को अपनाकर खेती किसानी करता है सफलता के झंडे गाड़ सकता है

सब्जी विज्ञान।Vegetable Production । Vegetable Culture

 सब्जी विज्ञान । Vegetable  Production ।  Vegetable Culture  इस विभाग के अन्तर्गत साग-सब्जी उगाने से सम्बन्धित समस्त कृषि क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है । इसे सब्जी उत्पादन या सब्जी उंगाना (Vegetable Production or Vegetable Culture ) भी कहते हैं। ऐसे स्थानों पर जहाँ कि सब्जियाँ उगाई जाती हैं, सब्जी प्रक्षेत्र (Vegetable Farm) या कछवारा कहा जाता है। सब्जियाँ आर्थिक दृष्टिकोण को लेकर उगाई जाती हैं, अतः उनके गुणात्मक और भरपूर उत्पादन प्राप्त करने की तकनीक एवं आवश्यकताओं का अध्ययन इसी विभाग के अन्तर्गत किया जाता है । भूमि एवं जलवायु के अनुसार उन्नतिशील किस्मों का चुनाव, पौध तैयार करना, रोपण या बोना, उचित समय और मात्रा में खाद, उर्वरक और सिंचाई देना, उचित फसल चक्र (Crop Rotation) अपनाना तथा अन्य कृषि क्रियाएँ ही इस विभाग के विषय हैं । सब्जी उत्पादन में रोग तथा कीट के आक्रमण तथा उत्पादित सब्जियों के विक्रय की समस्या रहती है, इनका हल भी इसी विभाग के अध्ययन से प्राप्त होता है। स्वयं के उपयोग के लिए गृह उद्यानों (Kitchen Gardening ) में सब्जियाँ उगाने की कला एवं तकनीक भी सब्...