फल परिरक्षण। Fruit Technology।Fruit Processing
इस विभाग के अन्तर्गत फल एवं सब्जियों को खराब न होने देने तथा उनसे विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ तैयार करने की क्रियाओं एवं विधियों का अध्ययन किया जाता है । इस विषय को फल प्रौद्योगिकी (Fruit Technology ) तथा फल संसाधन (Fruit Processing ) भी कहते हैं । फल एवं सब्जियों का परिरक्षण एक निश्चित वातावरण में विशिष्ट तकनीकी क्रियाओं द्वारा किया जाता है । इसके लिए कृत्रिम रूप से स्थल का निर्माण किया जाता है जिसे फल परिरक्षण केन्द्र (Fruit Preservation Centre ), फल उद्योगशाला (Fruit Prccessing Industry ), कैनिंग फैक्टरी (Canning Factory ) संसाधन इकाई ( Processing Unit) कहा जाता है। ऐसे स्थानों द्वारा निर्मित पदार्थों को परिरक्षित पदार्थ (Preserved Products ) या संसाधित पदार्थ (Processed Products ) कहते हैं । फल एवं सब्जियाँ क्यों खराब होती हैं ? कौन से कारण उत्तरदायी हैं ? उनसे बचाव के कौन से उपाय अपनाए जाने चाहिए ? उपरोक्त समस्याओं एवं उनके निराकरण का अध्ययन इसी विभाग के अन्तर्गत किया जाता है। फल एवं सब्जियों से निर्मित किए जाने वाले परिरक्षित पदार्थ जैसे, फलों का रस, स्ववैश कॉडियल, मुरब्बा, जैम, जेली, मार्मलेड, अचार, चटनी, सिरका आदि की विधियाँ इसी विभाग के अन्तर्गत ज्ञात की जा सकती हैं । फल एवं सब्जियों की कैनिंग और वॉटलिंग (Canning and Bottling ), सुखाना ( Drying ) हिमीकरण (Freczing), शीत संग्रहण (Cold Storage) की तकनीक भी फल परिरक्षण (Fruit Preservation का विषय है। इस विभाग को वर्तमान में एक उद्योग के रूप में विकसित किया गया है, इसलिए इसे औद्योगिक विज्ञान ( Industrial Science) की कहा जाता है इस विषय के विशेषज्ञ को फूड प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ और फूड टेक्नोलॉजिस्ट कहते हैं।
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