एक खुशहाल भारत के लिए मजबूत किसान।A strong farmer for a prosperous India
भारतीय कृषि परंपरागत रूप से मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारत के किसान आत्म निर्भर हो के खेती किसानी करते हैं यह भारतीय किसान की एक बहुत बड़ी विशेषता है जो हमें मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने के लिए दृढ़ संकल्प प्रतीत होता है।
एक खुशहाल भारत की कल्पना हमें किसानों की उन्नति से ही संभव हो पाएगी क्योंकि भारतीय जनसंख्या के 70% लोग खेती किसानी द्वारा अपनी आजीविका का निर्वाह करते हैं ।
विकासशील भारत की तरक्की को सुचारू रूप से अग्रसर होने के लिए खेती किसानी को हमें पूरी तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुरूप संचालित करना होगा। 21वीं सदी के भारतीय किसान एक खुशहाल भारत के लिए मजबूत किसान बन चुके हैं।
एक खुशहाल भारत के लिए किसानों का नीति निर्धारण
किसानों की नीति निर्धारण अच्छी तरह से कर के ही एक खुशहाल भारत की कल्पना की जा सकती है। देश में किसी भी क्षेत्र में कार्य भारतीय नीति निर्धारण के अनुरूप ही सफल हो पाती है भारतीय नीति निर्धारण में कमी रहने पर उस क्षेत्र की सफलता धीमी हो सकती है। इसी तरह कृषि संबंधित कार्य के भारतीय नीति निर्धारण पूरी तरह से किसानों के हित में होने चाहिए ताकि भारतीय किसान व्यक्तिगत रूप से सफल हो सके और एक खुशहाल भारत की अवधारणा को पूरा कर सकें।
मजबूत किसान की अवधारणा
भारत की सफल कृषि विधि को किसान पूरी तरह से पालन करें और उसे अमल में लाने की कोशिश करें तो भारतीय किसान एक सफल और मजबूत किसान बन सकता है।
भारतीय रासायनिक कृषि युग का अंत निकट आ चुका है भारत के किसान रासायनिक कृषि के दुष्परिणाम से पूरी तरह से वाकिफ हो चुके हैं और आज भारतीय कृषि के वैदिक परंपरा ऋषि परंपरा को अपनाने हेतु अग्रसर हो चुके हैं। यह एक अच्छा संकेत है। भारत में कृषि युग की शुरुआत हो चुकी है। जिसे आज पूरी तरह से भारतीय कृषि पद्धति अपनाते हुए विश्व में यह प्रदर्शित करना है। कि भारतीय किसान पूरी तरह से सफल और मजबूत किसान हो चुके हैं।
भारतीय कृषि के सफलता के प्रेरणा स्रोत कौन-कौन है
स्वर्गीय श्री राजू टाईटस जी :भारतीय कृषि के ऋषि पद्धति के प्रमुख प्रेरणा स्रोत स्वर्गीय श्री राजू टाईटस जी ने जंगली खेती पद्धति कृषि खेती की पद्धति पर उल्लेखनीय काम कर भारत के किसान को जागरूक किया। आज उनके पद चिन्हों पर चलकर श्रीमती रानूू टाइटल, इनकम टैक्स आयुक्त श्री पतंजलि झा, श्री विनय ओझा श्री संदीप गुप्ता भारतीय पायलट, श्री अरविंद जैन और भी विशिष्ट्ट उल्लेखनीय कृषक द्वारा जंगली खेती कृषि खेती का प्रचार प्रसार पूरे भारत में की जा रही है यह पद्धति बिना जुताई की सीडबॉल द्वारा खेती करना रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग किए बिना सफलता पूर्ण खेती किया जाना है।
स्वर्गीय श्री राजू टाइटल |
नव युवा किसान श्री आकाश चौरसिया :- भारतीय कृषि में पंच स्तरीय खेती के प्रमुख प्रेरणा स्रोत श्री आकाश चौरसिया बहुुत ही बहुत ठीक कम उम्र में ही पंच स्तरीय बागवानी का सफल मॉडल पूरेे भारत में प्रचार प्रसार कर रहेे हैं इस विधि में भूमि में कंदमूल के साथ छोटे सब्जियों के फसल, मध्यम फलदार सब्जी और मध्यम बड़े पेड़, इस तरह पूरी भूमि में पांच अलग-अलग प्रकार के पेड़ पौधे का रोपण कर खेती किसानी की जाती है। श्री आकाश चौरसिया केेे मॉडल में बांंस के मचान का प्रयोग कर बेल वर्गीय फसल भी ली जाती है। और पूरी तरह से प्राकृतिक ग्रीन हाउस का प्रयोग कर सफल खेती की जाती है। श्री आकाश चौरसिया द्वारा यूट्यूब सोशल मीडिया केेे माध्यम से लाखों किसानोंं को सेवा प्रदान कर रहे हैं ।
श्री आकाश चौरसिया |
सुभाष पालेकर:- सुभाष पालेकर जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग के माध्यम से किसानी करने के प्रमुख सलाहकार और प्रेरणा स्रोत है। एक देसी गाय के गोबर से 30 एकड़ क्षेत्र में खेती करनेेे के लिए किसानोंं को प्रोत्साहन करते हैं। भारतीय परंपरा के खेती किसानी में जीवामृत घन जीवामृत को बढ़ावा देते हुुए खेती की सलाह देेे रहे हैं ।
श्री सुभाष पालेकर |
भारतीय खेती किसानी की परंपरागत खेती को बढ़ावा देते हुए देश भर के किसान अपना एक जन आंदोलन चला चुके हैं देश के मजबूत किसान की अवधारणाएं 21वीं सदी में पूर्ण होने को है।देश पूरी तरह से खेती किसानी में सफलता की ओर अग्रसर हो चुका है।
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