फल विज्ञान इस विभाग के अन्तर्गत का अध्ययन किया जाता है । इस विभाग को फल (Fruit Culture) या फलोत्पादन (Fruit Production योजना के अनुसार विशेष उद्देश्य से लगाए जाते हैं, है । फल की खेती करने वाले को फलोत्पादक (Fruit Grower) कहते हैं । उपयोगी फलों के गुण तथा उपयोगिता और फल वृक्षों के वृद्धि, फूलने तथा फलने की प्रकृति या स्वभाव का अध्ययन इस विभाग के अन्तर्गत किया जाता है । फल वृक्षों से भरपूर उत्पादन प्राप्त करने हेतु आवश्यक तकनीक जैसे, उचित जलवायु तथा भूमि का चुनाव, उन्नतिशील किस्मों का चुनाव, प्रवर्धन (Propagation ) की विधियाँ, वृक्षारोपण, सिंचाई, खाद एवं उर्वरक की मात्रा एवं देने का समय, कटाई-छटाई एवं सधाई के सामान्य नियम का ज्ञान इसी विभाग से प्राप्त होता है। उपरोक्त तकनीक को एक निश्चित योजना के अनुसार अपनाना चाहिए, अतः फलोद्यान का विन्यास (Layout) स्थापना एवं प्रबन्ध भी इस विभाग के विषय हैं। फलोत्पादन में समय-समय पर आने वाली समस्याओं जैसे, रोग और कीट का आक्रमण, प्रि कूल वायुमण्डलीय वातावरण आदि तथा उनका निराकरण भी फल विज्ञान (Pomology) का विषय है । इस विषय के विशे षज्ञ को फ...
सफल किसान खेती करके पैसा अत्याधिक कैसे कमा है लघु किसान सीमांत किसान बड़े किसान अपनी खेती किसानी के दौरान कैसे सफल होते हैं